मुलाकात

ये नज़ारें हैं,
खुश होने के लिए |
शहर काफी हैं,
ग़मगीन होने के लिए |  
यह आँसू है,
तुम्हारी अमानत |
इन्हें,
दुनिया को दिखाते नहीं हैं | |

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